Pradesh Ka Gaurav https://pradeshkagaurav.in Sat, 30 Nov 2024 01:00:19 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 बुलंदशहर में 3 माह की मासूम को मां से छीना, फिर पटक-पटककर मार डाला; जानें मामला https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/in-bulandshahr-a-3-month-old-baby-was-snatched-from-her-mother-and-then-beaten-to-death-know-the-case/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/in-bulandshahr-a-3-month-old-baby-was-snatched-from-her-mother-and-then-beaten-to-death-know-the-case/#respond Sat, 30 Nov 2024 01:00:19 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1726 बुलंदशहर: शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र में दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है. मामला गांव हिनोट का बताया जा रहा है. आरोप है कि गांव के रहने वाली एक पड़ोसी महिला ने आपसी विवाद का बदला लेने के लिए तीन महीने के मासूम की सड़क पर पटक पटककर हत्या कर दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

परिजनों के मुताबिक, बीते मंगलवार को पड़ोसी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. जिसके बाद शुक्रवार को मजदूरी करने वाले मासूम के पिता प्रकाश सुबह काम पर निकले थे. बच्ची अपनी मां के पास सो रही थी. आरोप है कि विवाद का बदला लेने के उद्देश्य से पड़ोस में रहने वाली आरोपी महिला अंतिम ने मां के पास सो रही बच्ची को उठाया और सड़क पर ले जाकर पटक दिया.

इस दौरान बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. मामले की सूचना लोगों ने पुलिस को दी. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर शिकारपुर सीओ विकास प्रताप चौहान, नवागत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रखर पाण्डेय, कस्बा इंचार्ज आदेश कुमार, एसआई नईम खान, पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से पूछताछ की. पुलिस ने तीन महीने की मासूम के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है.

इस मामले में शिकारपुर नवागत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रखर पाण्डेय ने बताया कि तीन महीने की बच्ची को मारने वाली आरोपी महिला को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में जो जानकारी मिलेगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. क्षेत्राधिकारी विकास प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि आज करीब दोपहर 2:00 बजे थाना शिकारपुर पर एक सूचना प्राप्त हुई की ग्राम हिनोट में दो पक्षों में मारपीट के दौरान एक मासूम की मौत हो गई है.

इस सूचना पर पुलिस द्वारा मौके पर जांच की गई तो जानकारी हुई की दोनों पक्षों में बच्चों को लेकर झगड़ा हो गया था. इस दौरान आरोपी महिला के धक्का देने पर महिला के गोद में 3 माह की बच्ची थी, जो अचानक से जमीन पर गिर गई, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई.

आजमगढ़ में किसान की गोली मारकर हत्या: कप्तानगंज थाना क्षेत्र के नेवली गांव में खेत की जोताई कर रहे 50 वर्षीय किसान की अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. देवहटा गांव निवासी सुनील राय खेती करते थे. उनके पास ट्रैक्टर था, जिससे वह दूसरे के खेतों की जोताई कर अपना परिवार पालते थे. एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि उनकी किसी व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं थी. परिजनों से बात की जा रही है. उनकी तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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100 करोड़ का साम्राज्य, दर्जनों मुकदमे, इलाके में खौफ…कौन है अनुराग दुबे जिसके केस में यूपी पुलिस को मिली ‘सुप्रीम’ फटकार? https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/an-empire-worth-rs-100-crore-dozens-of-cases/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/an-empire-worth-rs-100-crore-dozens-of-cases/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:51:14 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1722 फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा निवासी फरार चल रहे गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. राहत मिलने से परिजनों ने कुछ राहत की सांस लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय का आभार जताया है.
बता दें कि राज्य स्तरीय चिन्हित माफिया अनुपम दुबे का भाई अनुराग दुबे उर्फ डब्बन गैंग का सक्रिय सदस्य है. जिस पर गैंगेस्टर एक्ट सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. माफिया अनुपम दुबे पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव हत्याकांड में मथुरा की जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे है.

वहीं, अनुराग दुबे काफी समय से फरार चल रहा है. अनुराग दुबे एक मामले में राहत पाने के लिये सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. जिस पर कोर्ट ने राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस पर भी गंभीर टिप्पणी की है. न्यायालय के अदेश के बाद गैंगेस्टर अनुराग दुबे के परिजनों ने राहत की सांस ली है.

अनुराग दुबे की माता कुसुम लता दुबे ने बताया कि ‘हम लोग पुलिस के भय में जी रहे है. बच्चे भी घर से बाहर है. पुलिस के डर से घर पर कोई नहीं आता है. अदालत ने जो भी निर्णय दिया है, उससे हम खुश है. अब हमें कुछ राहत मिल सकेगी.’ वहीं, माफिया अनुपम दुबे की पत्नी और अनुराग की भाभी मीनाक्षी दुबे ने कहा कि ‘जब से मेरे पति जेल गए हैं. पुलिस हर तरह से उत्पीड़न कर रही है. हर आने जाने वाले को डरा धमका रही है. बच्चे भी डर के साये में जी रहे है. बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर भी डर कर घर नहीं आ रहे है. मेरे होटल को भी तोड़ दिया गया. जबकि होटल के आस पास के भवनों को भी नोटिस दिया गया था. लेकिन वह सभी भवन नहीं तोड़े गए हैं. अब न्यायालय के आदेश से कुछ राहत मिल सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगीः बता दें कि डब्बन ने मारपीट, धमकी और संपत्ति में अवैध तरीके से घुसने के एक मामले को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केस रद्द नहीं किया था, लेकिन यह कहा था कि फिलहाल गिरफ्तारी न हो. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने पर विचार करे. जांच अधिकारी डब्बन को फोन पर जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस मिलने पर वह जांच में सहयोग के लिए पेश हो. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं कि वह एक खतरनाक क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं. याचिकाकर्ता पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक मामले में तो रजिस्ट्री के ज़रिए खरीद के बावजूद जमीन पर कब्जे का केस बना दिया गया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पर अभी भी गिरफ्तारी का खतरा है, इसलिए वह पेश नहीं हो पा रहा है. दो जजों की बेंच ने गहरी नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील राना मुखर्जी से कहा, ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि अगर याचिकाकर्ता को छुआ गया तो ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे. यह नहीं चल सकता कि आप हर बार याचिकाकर्ता पर नया केस फाइल कर दें. हमने उसे अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग के लिए कहा है. उसे ऐसा करने दीजिए.’

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संभल हिंसा साजिश या कुछ और?…रिटायर जज और IAS IPS की टीम कर देगी दूध का दूध पानी का पानी https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/be-careful-violence-conspiracy-or-something-else/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/be-careful-violence-conspiracy-or-something-else/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:41:50 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1719 यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर हुई 24 नवंबर की हिंसा ने पूरे देश की सियासत को गरमा दिया है. एक तरफ भीड़ पर हिंसा करने के आरोप हैं तो दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. अब इन तमाम पहलुओं की तह तक जाने और सही कारणों का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है. तीन सदस्यों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. न्यायिक जांच आयोग में अध्यक्ष की भूमिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा रहेंगे. साथ ही रिटायर्ड IAS अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन इसके सदस्य के रूप में काम करेंगे. जानते हैं इन तीनों से जुड़ी कुछ अहम बातें.

देवेंद्र कुमार अरोड़ा कौन हैं?

इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा का जन्म 20 जून 1957 को हुआ था. उन्हें कानून की पढ़ाई में काफी रुचि थी. अपने इसी इंट्रेस्ट के चलते उन्होंने कॉलेज की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय से की. लखनऊ विश्वविद्यालय से 1982 में वो लॉ में ग्रेजुएट हुए. इसके बाद 1984 में उन्होंने भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली से श्रम कानून में पीजी डिप्लोमा (डी.एल.एल.) को पूरा किया.

इसी दौरान उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ही (1983-85) में लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन (एलएलएम) में अपनी पढ़ाई पूरी की. लॉ के विषय में अपनी अच्छी समझ और जानकारी के लिए उन्हें एलएलएम में संवैधानिक कानून में सबसे ज्यादा नंबर मिले. होनहार देवेंद्र कुमार अरोड़ा को सबसे ज्यादा नंबर लाने के लिए ‘पंडित जगमोहन नाथ चक मेमोरियल गोल्ड मेडल’ से सम्मानित किया गया.

लॉ में ही पोस्ट ग्रेजुएशन और रिसर्च किया

लखनऊ विश्वविद्यालय से 1985 में उनका लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा हुआ. कानून की पढ़ाई में अपनी बढ़ती रुचि को उन्होंने यहीं समाप्त नहीं किया बल्कि, इसी विषय में अपनी जानकारी को और गहराई देने के लिए 2013 में लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉक्टर ऑफ लॉ (एलएल.डी.) में दाखिला लिया. उन्हें एक बार फिर से सम्मानित किया गया. लखनऊ विश्वविद्यालय ने 2013 में उन्हें जगदीश प्रसाद लीगल रिसर्च गोल्ड मेडल से नवाजा. अब समय आ गया था कि अपनी सारी जानकारी को कार्यक्षेत्र में लगाने का. इसलिए 12 फरवरी, 1983 को उन्होंने वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ और सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक, शैक्षिक, अनुबंध और भूमि अधिग्रहण मामले में लंबे समय तक प्रैक्टिस की.

उत्तर प्रदेश में महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के जज बनाए गए

देवेंद्र कुमार अरोड़ा उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल यानि महाधिवक्ता बनाए गए. उत्तर प्रदेश सरकार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में बतौर चांसलर और विजिटर काम किया. 1995 से राज्य विश्वविद्यालय और एच. ई. के लिए विशेष वकील के तौर पर काम किया. यूपी के लिए स्थायी वकील के रूप में भी उन्हें काम करने का मौका मिला.

आगरा, झांसी, फैजाबाद, गोरखपुर विश्वविद्यालयों में भी स्थायी वकील के रूप में काम किया. नागरिक उड्डयन विभाग, यूपी, नोएडा, स्कूटर इंडिया लिमिटेड के लिए वरिष्ठ वकील के रूप में अपनी सेवा दी. 13 अप्रैल 2009 में एडिशनल जज यानि अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका प्रमोशन हुआ और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में काम करने का मौका मिला. 24 दिसंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 19 जून 2019 में वो रिटायर हुए.

कौन हैं रिटायर्ड IAS ऑफिसर अमित मोहन?

संभल हिंसा की न्यायिक टीम में दूसरा अहम नाम रिटायर्ड IAS ऑफिसर अमित मोहन का है. बिहार के बेगूसराय जिले में 4 मार्च 1964 को अमित मोहन का जन्म हुआ था. उन्होंने जनवरी 1987 में NTPC में वित्त एवं कार्मिक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. 1987 में ही अमित मोहन का सेलेक्शन भारतीय रेलवे लेखा सेवा में हुआ. उनकी सफलता की लाइन यहीं नहीं रुकी और उनकी मेहनत के नतीजे एक-एक करके सामने आने लगे.

21 अगस्त 1989 को भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी देश की सर्वोच्च परीक्षाओं में से एक (IAS) इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में सेलेक्ट हुए. उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में 27 अगस्त 1990 में हुई. उन्होंने उत्तर प्रदेश के ज्यादा और उत्तराखंड के कुछ जिलों में काम किया. जालौन, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया.

किसानों के बीच लोकप्रियता

उन्होंने इन चार जिलों में तीन लोकसभा और एक विधानसभा के लिए आम चुनावों में अपनी जिम्मेदारी निभाई. अप्रैल 2007 से अप्रैल 2012 तक केंद्र सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में निदेशक और बाद में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया. संयुक्त सचिव, आरसीएच के रूप में पल्स पोलियो कार्यक्रम और सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम को संभाला और संयुक्त सचिव नीति के रूप में एनआरएचएम कार्यक्रम का संचालन किया. जून 2012 से अक्टूबर 2014 तक ऑयल इंडिया लिमिटेड के मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप जिम्मेदारी संभाली.

इसके अलावा यूपी के निवेश आयुक्त और नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी काम किया. लगभग 5 सालों तक दो कार्यकालों में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, कृषि के रूप में बड़ी जिम्मेदारी का हिस्सा बने. 2015 में वो कृषि सब्सिडी में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का हिस्सा बने. उस समय इसकी देश में पहली बार शुरुआत की गई थी. उन्होंने बुंदेलखंड के लिए फार्म तालाब योजना जैसे कई नए कार्यक्रम शुरू किए. ये किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. इससे अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बनाने और जल स्तर बढ़ाने में किसानों को काफी मदद मिली.

उन्होंने एग्री जंक्शन उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मिलियन फार्मर्स स्कूल कृषि विस्तार के लिए एक अनूठा और अभिनव कार्यक्रम शुरू किया. यह हर साल दो बार आयोजित किया जाता है और हर स्टेज में दस लाख से अधिक किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है. फरवरी 2020 से अगस्त 2022 तक चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में काम किया.

कोरोना महामारी के समय किए ये बड़े काम

देश में महामारी की स्थिति के समय में उन्होंने इसके प्रबंधन के लिए कई उपायों की रणनीति बनाने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई है. आईएस अधिकारी अमित मोहन ने ही तेजी से बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन लगाने के लिए टीकाकरण का क्लस्टर मॉडल विकसित किया. उन्होंने बहुत से व्यवस्थागत सुधार किए, जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए भर्ती नियम बनाना, उनके लिए एक अलग से ट्रेनिंग प्रभाग शुरू करना, 30 साल से अधिक समय के बाद 35 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों की फिर से शुरुआत, एक साल में 5000 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू करना आदि विषयों पर काम किया.

करियर के अंतिम समय में वो उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई, कपड़ा और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए. अब उन्हें संभल हिंसा मामले में न्यायिक जांच टीम का हिस्सा बनाया गया है.

कौन हैं रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन का जन्म 13 मार्च 1955 को हुआ था. उनके पिता का नाम जे. आर. जैन है. वो इतिहास विषय के अच्छे जानकार हैं. उन्होंने मॉर्डन हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अपनी पढ़ाई हल्द्वानी और मुरादाबाद से पूरा की. सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उनका सेलेक्शन हुआ.

अरविंद कुमार जैन 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. आईपीएस अरविंद कुमार जैन जनता के बीच लोकप्रिया अधिकारियों में से एक हैं. उनकी पहचान पब्लिक फ्रैंडली अधिकारियों में से एक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्होंने अपराधिक घटनाओं पर नकेल कसी.

डीजी के पद से रिटायर हुए थे अरविंद कुमार

अरविंद कुमार जैन को 2012 में रेलवे में एडीजी के पद पर काम करने का मौका मिला. 2013 में ही उनका प्रमोशन डीजी के रूप में हुआ. उन्हें कामचोरी करने वाले अधिकारी बिल्कुल भी पसंद नहीं थे. अक्सर बातचीत के दौरान और काम के बीच इसका जिक्र किया करते थे. उनकी प्राथमिकता आम लोगों के लिए काम करने की रही है. अपनी कार्यकुशलता के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. वो डायरेक्टर जनरल के पद से रिटायर हुए. उन्हें संभल हिंसा में न्यायिक जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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फर्जी दस्तावेज बनवाकर अवैध तरीके से भारत में कराता था घुसपैठ, UP ATS ने वाराणसी से किया गिरफ्तार https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/upats-arrested-a-man-from-varanasi-who-used-to-infiltrate-into-india-illegally-by-making-fake-documents/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/upats-arrested-a-man-from-varanasi-who-used-to-infiltrate-into-india-illegally-by-making-fake-documents/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:26:38 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1716 लखनऊ। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराने वाले सिंडीकेट के सक्रिय सदस्य रोहिंग्या मु.अब्दुल्ला उर्फ अब्दुस सलाम मंडल को वाराणसी से गिरफ्तार किया है। वह पहचान बदलकर यहां लंबे समय से रह रहा था।

अब्दुल्ला ने अवैध घुसपैठ कराकर हुई कमाई से बंगाल के पश्चिमी मेदनीपुर अपना मकान भी बनवा लिया है। वह मूल रूप से म्यांमार का रहने वाला है। उसके कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय निर्वाचन कार्ड, यूनएचआरसी का कार्ड, मोबाइल, तीन मेमोरी कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है एटीएस

एटीएस मामले में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है। गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की तलाश भी तेज की गई है। गिरोह अवैध घुसपैठ कराने के साथ ही विदेशी फंडिंग से देश विरोधी गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा था।

एटीएस ने 11 अक्टूबर, 2023 को बांग्लादेश के मीरपुर निवासी आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिलुर्रहमान के अलावा बंगाल के निवासी नजीबुल शेख व अबु हुरायरा गाजी को गिरफ्तार कर बांग्लादेशी व रोहिंग्या की घुसपैठ कराने वाले गिरोह का राजफाश किया था।

देवबंद से जुड़े गिरोह के तार

गिरोह के तार देवबंद (सहारनपुर) से भी जुड़े थे। नजीबुल व अबु हुरायरा देवबंद में ही शरण लिए हुए थे, जबकि बंगाल से देवबंद आ रहा गिरोह का सक्रिय सदस्य आदिलुर्रहमान को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया था।

एटीएस की जांच में गिरोह द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा से बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ कराने तथा उनके जाली भारतीय दस्तावेज तैयार करवाकर शरण दिलवाने की बात सामने आई थी।

रोहिंग्या अब्दुल्ला के बारे में जानकारी मिली

एटीएस थाने में धोखाधड़ी, विदेशी अधिनियम व पासपोर्ट अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पड़ताल की जा रही है। छानबीन में रोहिंग्या अब्दुल्ला के बारे में जानकारी मिली थी।

एटीएस के अनुसार, उसे वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा गया। पूछताछ में अब्दुल्ला ने बताया कि पूर्व में पकड़े जा चुके गिरोह के सदस्य अबु सालेह मंडल व अन्य सदस्यों ने उसका आधार कार्ड व अन्य भारतीय दस्तावेज अब्दुस सलाम मंडल के नाम से बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर के पते पर बनवाए थे।

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अमित शाह के आवास पर महायुति की अहम बैठक, शिंदे-फडणवीस और अजित संग हुआ मंथन, नड्डा भी रहे मौजूद https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/important-meeting-of-mahayuti-held-at-amit-shahs-residence-with-shinde-fadnavis-and-ajit-manthan-nadda-was-also-present/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/important-meeting-of-mahayuti-held-at-amit-shahs-residence-with-shinde-fadnavis-and-ajit-manthan-nadda-was-also-present/#respond Fri, 29 Nov 2024 02:54:30 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1711 मुंबई : महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के साथ ही सरकार गठन की प्रक्रिया को लेकर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बीच गुरुवार रात दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक चल रही है. इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़्डा भी मौजूद थे.

सूत्रों ने बताया कि यह बैठक महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि ऐसी खबरें आई हैं कि फडणवीस का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना तय समझे जाने की धारणा के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व अपने कुछ मराठा नेताओं के नामों पर विचार कर रहा है.

मुख्यमंत्री के चयन में जातिगत समीकरण की बड़ी भूमिका होने वाली है, क्योंकि सभी दलों के 288 विधायकों में से अधिकतर मराठा समुदाय से हैं.

फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं और पहली बार 2014 में मुख्यमंत्री बने थे और फिर 2019 में कुछ समय के लिए फिर से मुख्यमंत्री बने. सूत्रों ने कहा, ‘‘अगर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का हुक्म चलता है तो फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना उज्ज्वल है.’’

शिवसेना नेताओं की शिंदे को मुख्यमंत्री का एक और कार्यकाल देने की जोरदार मांग के बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि वह इस पद के लिए भाजपा की पसंद का पालन करेंगे.

शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने गुरुवार को कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री द्वारा नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की संभावना नहीं है. शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरशाट ने हालांकि कहा कि शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. शिरसाट कहा, ‘‘वह शायद उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे। मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति के लिए ऐसा करना सही नहीं है.’’

उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी दूसरे नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए कहेगी. वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि उन्हें अपने पिता एकनाथ शिंदे पर गर्व है, जिन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दरकिनार करते हुए ‘‘गठबंधन धर्म’’ का पालन करने का उदाहरण पेश किया है.

सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उनके पिता का महाराष्ट्र के लोगों के साथ अटूट रिश्ता है। श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘‘मुझे अपने पिता और शिवसेना प्रमुख पर गर्व है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भरोसा बनाए रखा और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को अलग रखते हुए गठबंधन धर्म का (बेहतरीन) उदाहरण पेश किया.’’

भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय सदन में 230 सीट पर जीत दर्ज की तथा विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को 46 सीट पर समेट दिया. भाजपा ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीट जीतीं. एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की राकांपा (एसपी) ने 10 सीट पर जीत दर्ज की.

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‘अनुपमा’ के क्रू मेंबर अनिल कुमार मंडल के परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा, सेट पर हो गई थी दर्दनाक मौत https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/the-family-of-anupamas-crew-member-anil-kumar-mandal-will-get-a-compensation-of-rs-10-lakh-he-died-tragically-on-the-set/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/the-family-of-anupamas-crew-member-anil-kumar-mandal-will-get-a-compensation-of-rs-10-lakh-he-died-tragically-on-the-set/#respond Fri, 29 Nov 2024 02:45:40 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1708 टीवी शो ‘अनुपमा’ (Anupama) के सेट पर कुछ दिन पहले एक बड़ा हादसा हुआ था. दरअसल सेट पर एक क्रू मेंबर की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतक के परिवार को मुआवजा देने का ऐलान किया गया था. वहीं अब खबर सामने आई है कि शो के प्रोडक्शन हाउस ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया है.

मृतक की फैमिली को मिला 10 लाख का मुआवजा

दरअसल हाल ही में ‘अनुपमा’ के मेकर्स ने एक स्टेंटमेंट जारी की है. जिसमें मृतक अजित कुमार मंडल के साथ हुए हादसे पर दुख जताया गया. साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि जब ये हादसा हुआ तो मृतक के परिवार को तुरंत बुला लिया गया था. साथ ही प्रोडक्शन हाउस ने अस्पताल के बिल और बाकी सभी खर्चों की भी पूरी जिम्मेदारी ली है.

अनुपमा की टीम ने दी मृतक के परिवार को सांत्वना

इस बयान में कहा गया है कि मृतक अजीत कुमार के परिवार को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपए दिए गए हैं. साथ ही हमारी पूरी टीम इस दुख की घड़ी में उनके साथ भी खड़ी है. इसके अलावा मृतक के शव और उनके परिवार को होमटाउन पहुंचाने का काम भी प्रोडक्शन हाउस द्वारा किया जाएगा. भगवान अजीत कुमार की आत्मा को शांति दें.

14 नवंबर को सेट पर हुई थी क्रू मेंबर की मौत

बता दें कि ‘अनुपमा’ के सेट पर ये हादसा 14 नवंबर को हुआ था. जब कैमरा अटेंडेंट के तौर पर काम कर रहे अजीत कुमार को बिजली का झटका लगा था. जानकारी के अनुसार उन्होंने गलती से लाइव वायर छू लिया था. जिसकी वजह से उनकी सेट पर ही मौत हो गई थी. इस हादसे से शो की टीम को गहरा सदमा लगा था.

बता दें कि ‘अनुपमा’ में रुपाली गांगुली मेन लीड में हैं. जो अपनी एक्टिंग से लोगों का खूब दिल जीत रही है. वहीं शो टीआरपी की लिस्ट में भी पहले नंबर पर बना हुआ है.

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IHC ने किया अडानी ग्रुप का समर्थन, जानें क्या है पूरा मामला https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/ihc-supported-adani-group-know-what-is-the-whole-matter/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/ihc-supported-adani-group-know-what-is-the-whole-matter/#respond Fri, 29 Nov 2024 02:36:21 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1705 अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी ग्रुप को अपना समर्थन दोहराया है। यह 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब की संपत्ति का प्रबंधन करने वाली सबसे बड़ी सॉवरेन फंड में से एक है। अडानी ग्रुप के प्रमुख विदेशी निवेशकों में से एक आईएचसी ने एक बयान में कहा कि अडानी समूह के साथ उनकी साझेदारी हरित ऊर्जा और स्थिरता क्षेत्रों में उनके योगदान में विश्वास को दर्शाती है। सभी निवेशों की तरह ही उनकी टीम भी प्रासंगिक जानकारी और विकास का मूल्यांकन करना जारी रखती है।

अप्रैल 2022 में IHC ने  रिन्यूएबल एनर्जी ब्रांच अडानी ग्रीन एनर्जी और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में लगभग 500 मिलियन अमरीकी डॉलर और समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एक बिलियन अमेरीकी डॉलर का निवेश किया था। बाद में इसने AGEL में अपनी 1.26 प्रतिशत हिस्सेदारी और ATL में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी, जिसे अब अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड कहा जाता है, लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत से अधिक कर दी।

श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने जताया भरोसा

दूसरी ओर श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने अडानी ग्रुप के साथ अपनी साझेदारी में अपना निरंतर विश्वास व्यक्त किया है, क्योंकि भारतीय समूह देश के बंदरगाह बुनियादी ढांचे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कोलंबो टर्मिनल में एक बिलियन अमेरीकी डॉलर के निवेश के साथ यह परियोजना श्रीलंका के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बनने की ओर अग्रसर है।

अडानी पोर्ट्स से समझौते के लिए प्रतिबद्ध है तंजानिया सरकार

श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष एडमिरल सिरीमेवन रणसिंघे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि परियोजना को रद्द करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है। यह परियोजना अगले कुछ महीनों में चालू हो जाएगी। साथ ही तंजानिया सरकार ने अडानी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है, क्योंकि उसे लगता है कि चल रही परियोजनाओं के बारे में कोई चिंता नहीं है और सभी अनुबंध पूरी तरह से तंजानिया के कानून का अनुपालन करते हैं। मई 2024 में तंजानिया और अडानी पोर्ट्स ने दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल 2 को संचालित करने के लिए 30 साल के रियायत समझौते को अंतिम रूप दिया। इसके अतिरिक्त अडानी पोर्ट्स ने सरकारी स्वामित्व वाली इकाई तंजानिया इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी 95 मिलियन अमेरिकी डॉलर में हासिल की।

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ऐसा आदेश देंगे कि सारी जिंदगी याद रहेगा… यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी फटकार क्यों लगा दी, जानिए https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/will-give-such-an-order-that-will-be-remembered-for-the-whole-life-know-why-the-supreme-court-reprimanded-the-up-police/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/will-give-such-an-order-that-will-be-remembered-for-the-whole-life-know-why-the-supreme-court-reprimanded-the-up-police/#respond Fri, 29 Nov 2024 02:07:16 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1702 दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है. आरोपी अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यूपी पुलिस सत्ता का आनंद ले रही है, उसे संवेदनशील बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने यूपी पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे.’

अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई : कई मामलों के एक आरोपी की याचिका को सुनते हुए 28 नवंबर (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट में अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अनुराग दुबे उर्फ डब्बन नाम के आरोपी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस वजह से उस पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी और वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुराने मामले की जांच में शामिल नहीं हो पा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी याचिका : यूपी के फर्रुखाबाद के रहने वाले डब्बन और उसके भाइयों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं. डब्बन ने मारपीट, धमकी और संपत्ति में अवैध तरीके से घुसने के एक मामले को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केस रद्द नहीं किया था, लेकिन यह कहा था कि फिलहाल उसकी गिरफ्तारी न हो. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने पर विचार करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच अधिकारी डब्बन को फोन पर जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस मिलने पर वह जांच में सहयोग के लिए पेश हो. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं कि वह एक खतरनाक क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं. याचिकाकर्ता पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक मामले में तो रजिस्ट्री के ज़रिए खरीद के बावजूद जमीन पर कब्जे का केस बना दिया गया है.

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पर अभी भी गिरफ्तारी का खतरा है, इसलिए वह पेश नहीं हो पा रहा है. दो जजों की बेंच ने गहरी नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील राना मुखर्जी से कहा, ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि अगर याचिकाकर्ता को छुआ गया, तो ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे. यह नहीं चल सकता कि आप हर बार याचिकाकर्ता पर नया केस फाइल कर दें. हमने उसे अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग के लिए कहा है. उसे ऐसा करने दीजिए.’

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भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कांस्टेबल की हत्या की कोशिश, 18 पुलिसकर्मियों पर FIR https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/fir-against-18-policemen-for-attempting-to-murder-a-constable-who-exposed-corruption/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/fir-against-18-policemen-for-attempting-to-murder-a-constable-who-exposed-corruption/#respond Fri, 29 Nov 2024 01:54:18 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1699 यूपी के गाजीपुर में चंदौली जिले के 18 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. सीजेएम कोर्ट के आदेश पर ये एफआईआर दर्ज की गई है. मामला चन्दौली जिले के मुगलसराय थाने की वसूली से जुड़ा है. मुगलसराय थाने में 2021 में तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि मुगलसराय थाने के प्रभारी शिवानंद मिश्रा और एसपी के संरक्षण में जनता से प्रतिमाह 12 लाख 50 हजार की वसूली की जाती थी.

अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर तत्कालीन डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें आरोप सही पाया गया. शिकायत की वजह से तत्कालीन चन्दौली एसपी अमित कुमार द्वितीय और इंस्पेक्टर ने अनिल कुमार सिंह को झूठे मुकदमे में फंसा दिया और मंजू नाथ,अमित जेठवा, सत्येंद्र कुमार दुबे, अनिल सिंह और सतीश सेठी की हत्या का प्रयास किया जाने लगा.

अनिल सिंह का कर लिया गया था अपहरण

जानकारी के बाद अनिल को छोड़कर इन चारों की हत्या कर दी गई है. घटना के बाद अनिल गाजीपुर के नन्दगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा स्थित अपनी ससुराल में रहने लगा. अनिल का आरोप है कि उनके ससुराल से 5 सितंबर 2021 को आरोपी पुलिसकर्मियों ने उनका अपहरण किया और उनकी हत्या करने की कोशिश की. हालांकि इसकी सूचना उनकी बेटी खुशबू ने 100 नंबर पर दे दी थी, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई.

क्यों शिकायत नहीं की गई दर्ज

अनिल सिंह की पुत्री ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ नंदगंज थाने में शिकायत की लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में अनिल सिंह ने सीजेएम कोर्ट गाजीपुर में 156(3) के तहत वाद दाखिल किया और कोर्ट ने सभी 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. मामला पुलिस से जुड़ा था और इसमें कन्स्टेबल से लेकर आईपीएस स्तर के अधिकारी शामिल हैं, जिसकी वजह से पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी.

नंदगंज थाने में एफआईआर कर ली गई दर्ज

अनिल सिंह फिर इसके खिलाफ हाईकोर्ट गये और अवमानना का वाद दायर किया, ऐसे में तीन महीने पहले कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. अनिल सिंह के अधिवक्ता मुन्नू लाल ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि आज हाई कोर्ट में अवमानना की सुनवाई होनी थी जिससे बचने के लिये कल नंदगंज थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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मस्जिद या हरिहर मंदिर? सर्वे रिपोर्ट आज होगी पेश, हाई अलर्ट पर संभल https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/mosque-or-harihar-temple-survey-report-will-be-presented-today-be-on-high-alert/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/mosque-or-harihar-temple-survey-report-will-be-presented-today-be-on-high-alert/#respond Fri, 29 Nov 2024 01:39:35 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1696 संभल में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने के मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन संभल स्थित चंदौसी की कोर्ट में 29 नवंबर को पहली सुनवाई होनी है। इसी दिन सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल किए जाने की संभावना है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था। न्यायालय ने उसी दिन कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश देते हुए आगामी तिथि 29 नवंबर सुनवाई के लिए नीयत की गई। कोर्ट कमिश्नर उसी शाम शाही जामा मस्जिद में टीम के साथ सर्वे करने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद बीते रविवार की सुबह डीएम व एसपी की सुरक्षा में दोबारा सर्वे के लिए पहुंचे तो संभल में बवाल हो गया। जिसमें पांच लोगों की जान चली गई।

शुक्रवार को न्यायालय में सर्वे रिपोर्ट पेश की जा सकती है। शहर में अमन चैन कायम रहे। इसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम पूरे कर लिए हैं। बृहस्पतिवार को न्यायालय की सुरक्षा में लगे प्रभारी वीरपाल सिंह और शहर कोतवाल रेनू सिंह न्यायालय की सुरक्षा इंतजाम में जुटे रहे। सीओ संतोष कुमार ने भी मौका मुआयना किया। साथ ही न्यायालय की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे का ट्रायल भी कराया। अधिवक्ताओं से भी वार्ता कर सहयोग की अपील की। शुक्रवार को सुबह आठ बजे से ही शक्तिनगर, मुंसिफ रोड और न्यायालय से सटे आवास विकास समेत न्यायालय की ओर आने वाले सभी रास्तों को बैरीकेडिंग कर सील कर दिया जाएगा। आम आदमी को इस ओर एंट्री नहीं दी जाएगी। न्यायालय परिसर में भी पंजीकृत अधिवक्ताओं को प्रवेश दिया जाएगा। वादकारियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इतना ही नहीं न्यायालय के आसपास मकानों की छतों पर भी पुलिस तैनात रहेगी।

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में की गई ड्रोन कैमरे से निगरानी

बृहस्पतिवार से ही पुलिस प्रशासन सतर्क नजर आया। सीओ संतोष कुमार और कोतवाल रेनू सिंह ने भारी पुलिस के साथ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र लक्ष्मण गंज, सीकरी गेट, पजाया, जारई गेट, संभल गेट आदि क्षेत्र में ड्रोन कैमरे से निगरानी कराई। तमाम घरों की छतों पर ईंट पत्थर रखे मिले। जिससे पुलिस ने तत्काल गृह स्वामियों ने छतों से ईंट पत्थर हटवाए। साथ ही आगे से छतों पर ईंट पत्थर नहीं रखने की नसीहत दी। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में ई-रिक्शा से अलाउंसमेंट कराया। जिसमें सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। साथ ही बाहरी लोगों को घर में न रुकने की अपील की।

पालिका कर्मचारियों ने न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों से हटाया मलबा

जिला न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों पर अतिक्रमण अभियान के दौरान इकट्ठा हुए मलबे को हटाया गया। बृहस्पतिवार की सुबह से ही पालिका कर्मचारी मलबा उठाने में लगे रहे। दोपहर तक न्यायालय की ओर जाने वाले सभी मार्गों को दुरुस्त कर दिया गया।

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