राज्य – Pradesh Ka Gaurav https://pradeshkagaurav.in Sat, 30 Nov 2024 01:00:19 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 बुलंदशहर में 3 माह की मासूम को मां से छीना, फिर पटक-पटककर मार डाला; जानें मामला https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/in-bulandshahr-a-3-month-old-baby-was-snatched-from-her-mother-and-then-beaten-to-death-know-the-case/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/in-bulandshahr-a-3-month-old-baby-was-snatched-from-her-mother-and-then-beaten-to-death-know-the-case/#respond Sat, 30 Nov 2024 01:00:19 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1726 बुलंदशहर: शिकारपुर कोतवाली क्षेत्र में दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है. मामला गांव हिनोट का बताया जा रहा है. आरोप है कि गांव के रहने वाली एक पड़ोसी महिला ने आपसी विवाद का बदला लेने के लिए तीन महीने के मासूम की सड़क पर पटक पटककर हत्या कर दी. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है.

परिजनों के मुताबिक, बीते मंगलवार को पड़ोसी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. जिसके बाद शुक्रवार को मजदूरी करने वाले मासूम के पिता प्रकाश सुबह काम पर निकले थे. बच्ची अपनी मां के पास सो रही थी. आरोप है कि विवाद का बदला लेने के उद्देश्य से पड़ोस में रहने वाली आरोपी महिला अंतिम ने मां के पास सो रही बच्ची को उठाया और सड़क पर ले जाकर पटक दिया.

इस दौरान बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. मामले की सूचना लोगों ने पुलिस को दी. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर शिकारपुर सीओ विकास प्रताप चौहान, नवागत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रखर पाण्डेय, कस्बा इंचार्ज आदेश कुमार, एसआई नईम खान, पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से पूछताछ की. पुलिस ने तीन महीने की मासूम के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है.

इस मामले में शिकारपुर नवागत कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रखर पाण्डेय ने बताया कि तीन महीने की बच्ची को मारने वाली आरोपी महिला को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में जो जानकारी मिलेगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. क्षेत्राधिकारी विकास प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि आज करीब दोपहर 2:00 बजे थाना शिकारपुर पर एक सूचना प्राप्त हुई की ग्राम हिनोट में दो पक्षों में मारपीट के दौरान एक मासूम की मौत हो गई है.

इस सूचना पर पुलिस द्वारा मौके पर जांच की गई तो जानकारी हुई की दोनों पक्षों में बच्चों को लेकर झगड़ा हो गया था. इस दौरान आरोपी महिला के धक्का देने पर महिला के गोद में 3 माह की बच्ची थी, जो अचानक से जमीन पर गिर गई, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई.

आजमगढ़ में किसान की गोली मारकर हत्या: कप्तानगंज थाना क्षेत्र के नेवली गांव में खेत की जोताई कर रहे 50 वर्षीय किसान की अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. देवहटा गांव निवासी सुनील राय खेती करते थे. उनके पास ट्रैक्टर था, जिससे वह दूसरे के खेतों की जोताई कर अपना परिवार पालते थे. एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि उनकी किसी व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं थी. परिजनों से बात की जा रही है. उनकी तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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100 करोड़ का साम्राज्य, दर्जनों मुकदमे, इलाके में खौफ…कौन है अनुराग दुबे जिसके केस में यूपी पुलिस को मिली ‘सुप्रीम’ फटकार? https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/an-empire-worth-rs-100-crore-dozens-of-cases/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/an-empire-worth-rs-100-crore-dozens-of-cases/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:51:14 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1722 फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कसरट्टा निवासी फरार चल रहे गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. राहत मिलने से परिजनों ने कुछ राहत की सांस लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय का आभार जताया है.
बता दें कि राज्य स्तरीय चिन्हित माफिया अनुपम दुबे का भाई अनुराग दुबे उर्फ डब्बन गैंग का सक्रिय सदस्य है. जिस पर गैंगेस्टर एक्ट सहित दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. माफिया अनुपम दुबे पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव हत्याकांड में मथुरा की जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे है.

वहीं, अनुराग दुबे काफी समय से फरार चल रहा है. अनुराग दुबे एक मामले में राहत पाने के लिये सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. जिस पर कोर्ट ने राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस पर भी गंभीर टिप्पणी की है. न्यायालय के अदेश के बाद गैंगेस्टर अनुराग दुबे के परिजनों ने राहत की सांस ली है.

अनुराग दुबे की माता कुसुम लता दुबे ने बताया कि ‘हम लोग पुलिस के भय में जी रहे है. बच्चे भी घर से बाहर है. पुलिस के डर से घर पर कोई नहीं आता है. अदालत ने जो भी निर्णय दिया है, उससे हम खुश है. अब हमें कुछ राहत मिल सकेगी.’ वहीं, माफिया अनुपम दुबे की पत्नी और अनुराग की भाभी मीनाक्षी दुबे ने कहा कि ‘जब से मेरे पति जेल गए हैं. पुलिस हर तरह से उत्पीड़न कर रही है. हर आने जाने वाले को डरा धमका रही है. बच्चे भी डर के साये में जी रहे है. बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर भी डर कर घर नहीं आ रहे है. मेरे होटल को भी तोड़ दिया गया. जबकि होटल के आस पास के भवनों को भी नोटिस दिया गया था. लेकिन वह सभी भवन नहीं तोड़े गए हैं. अब न्यायालय के आदेश से कुछ राहत मिल सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगीः बता दें कि डब्बन ने मारपीट, धमकी और संपत्ति में अवैध तरीके से घुसने के एक मामले को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केस रद्द नहीं किया था, लेकिन यह कहा था कि फिलहाल गिरफ्तारी न हो. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने पर विचार करे. जांच अधिकारी डब्बन को फोन पर जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस मिलने पर वह जांच में सहयोग के लिए पेश हो. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं कि वह एक खतरनाक क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं. याचिकाकर्ता पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक मामले में तो रजिस्ट्री के ज़रिए खरीद के बावजूद जमीन पर कब्जे का केस बना दिया गया है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पर अभी भी गिरफ्तारी का खतरा है, इसलिए वह पेश नहीं हो पा रहा है. दो जजों की बेंच ने गहरी नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील राना मुखर्जी से कहा, ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि अगर याचिकाकर्ता को छुआ गया तो ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे. यह नहीं चल सकता कि आप हर बार याचिकाकर्ता पर नया केस फाइल कर दें. हमने उसे अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग के लिए कहा है. उसे ऐसा करने दीजिए.’

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संभल हिंसा साजिश या कुछ और?…रिटायर जज और IAS IPS की टीम कर देगी दूध का दूध पानी का पानी https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/be-careful-violence-conspiracy-or-something-else/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/be-careful-violence-conspiracy-or-something-else/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:41:50 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1719 यूपी के संभल में मस्जिद सर्वे को लेकर हुई 24 नवंबर की हिंसा ने पूरे देश की सियासत को गरमा दिया है. एक तरफ भीड़ पर हिंसा करने के आरोप हैं तो दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. अब इन तमाम पहलुओं की तह तक जाने और सही कारणों का पता लगाने के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है. तीन सदस्यों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. न्यायिक जांच आयोग में अध्यक्ष की भूमिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा रहेंगे. साथ ही रिटायर्ड IAS अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन इसके सदस्य के रूप में काम करेंगे. जानते हैं इन तीनों से जुड़ी कुछ अहम बातें.

देवेंद्र कुमार अरोड़ा कौन हैं?

इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा का जन्म 20 जून 1957 को हुआ था. उन्हें कानून की पढ़ाई में काफी रुचि थी. अपने इसी इंट्रेस्ट के चलते उन्होंने कॉलेज की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय से की. लखनऊ विश्वविद्यालय से 1982 में वो लॉ में ग्रेजुएट हुए. इसके बाद 1984 में उन्होंने भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली से श्रम कानून में पीजी डिप्लोमा (डी.एल.एल.) को पूरा किया.

इसी दौरान उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ही (1983-85) में लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन (एलएलएम) में अपनी पढ़ाई पूरी की. लॉ के विषय में अपनी अच्छी समझ और जानकारी के लिए उन्हें एलएलएम में संवैधानिक कानून में सबसे ज्यादा नंबर मिले. होनहार देवेंद्र कुमार अरोड़ा को सबसे ज्यादा नंबर लाने के लिए ‘पंडित जगमोहन नाथ चक मेमोरियल गोल्ड मेडल’ से सम्मानित किया गया.

लॉ में ही पोस्ट ग्रेजुएशन और रिसर्च किया

लखनऊ विश्वविद्यालय से 1985 में उनका लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा हुआ. कानून की पढ़ाई में अपनी बढ़ती रुचि को उन्होंने यहीं समाप्त नहीं किया बल्कि, इसी विषय में अपनी जानकारी को और गहराई देने के लिए 2013 में लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉक्टर ऑफ लॉ (एलएल.डी.) में दाखिला लिया. उन्हें एक बार फिर से सम्मानित किया गया. लखनऊ विश्वविद्यालय ने 2013 में उन्हें जगदीश प्रसाद लीगल रिसर्च गोल्ड मेडल से नवाजा. अब समय आ गया था कि अपनी सारी जानकारी को कार्यक्षेत्र में लगाने का. इसलिए 12 फरवरी, 1983 को उन्होंने वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया. उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ और सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक, शैक्षिक, अनुबंध और भूमि अधिग्रहण मामले में लंबे समय तक प्रैक्टिस की.

उत्तर प्रदेश में महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के जज बनाए गए

देवेंद्र कुमार अरोड़ा उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल यानि महाधिवक्ता बनाए गए. उत्तर प्रदेश सरकार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में बतौर चांसलर और विजिटर काम किया. 1995 से राज्य विश्वविद्यालय और एच. ई. के लिए विशेष वकील के तौर पर काम किया. यूपी के लिए स्थायी वकील के रूप में भी उन्हें काम करने का मौका मिला.

आगरा, झांसी, फैजाबाद, गोरखपुर विश्वविद्यालयों में भी स्थायी वकील के रूप में काम किया. नागरिक उड्डयन विभाग, यूपी, नोएडा, स्कूटर इंडिया लिमिटेड के लिए वरिष्ठ वकील के रूप में अपनी सेवा दी. 13 अप्रैल 2009 में एडिशनल जज यानि अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका प्रमोशन हुआ और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में काम करने का मौका मिला. 24 दिसंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 19 जून 2019 में वो रिटायर हुए.

कौन हैं रिटायर्ड IAS ऑफिसर अमित मोहन?

संभल हिंसा की न्यायिक टीम में दूसरा अहम नाम रिटायर्ड IAS ऑफिसर अमित मोहन का है. बिहार के बेगूसराय जिले में 4 मार्च 1964 को अमित मोहन का जन्म हुआ था. उन्होंने जनवरी 1987 में NTPC में वित्त एवं कार्मिक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. 1987 में ही अमित मोहन का सेलेक्शन भारतीय रेलवे लेखा सेवा में हुआ. उनकी सफलता की लाइन यहीं नहीं रुकी और उनकी मेहनत के नतीजे एक-एक करके सामने आने लगे.

21 अगस्त 1989 को भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी देश की सर्वोच्च परीक्षाओं में से एक (IAS) इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में सेलेक्ट हुए. उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में 27 अगस्त 1990 में हुई. उन्होंने उत्तर प्रदेश के ज्यादा और उत्तराखंड के कुछ जिलों में काम किया. जालौन, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया.

किसानों के बीच लोकप्रियता

उन्होंने इन चार जिलों में तीन लोकसभा और एक विधानसभा के लिए आम चुनावों में अपनी जिम्मेदारी निभाई. अप्रैल 2007 से अप्रैल 2012 तक केंद्र सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में निदेशक और बाद में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया. संयुक्त सचिव, आरसीएच के रूप में पल्स पोलियो कार्यक्रम और सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम को संभाला और संयुक्त सचिव नीति के रूप में एनआरएचएम कार्यक्रम का संचालन किया. जून 2012 से अक्टूबर 2014 तक ऑयल इंडिया लिमिटेड के मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप जिम्मेदारी संभाली.

इसके अलावा यूपी के निवेश आयुक्त और नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में भी काम किया. लगभग 5 सालों तक दो कार्यकालों में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, कृषि के रूप में बड़ी जिम्मेदारी का हिस्सा बने. 2015 में वो कृषि सब्सिडी में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का हिस्सा बने. उस समय इसकी देश में पहली बार शुरुआत की गई थी. उन्होंने बुंदेलखंड के लिए फार्म तालाब योजना जैसे कई नए कार्यक्रम शुरू किए. ये किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. इससे अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बनाने और जल स्तर बढ़ाने में किसानों को काफी मदद मिली.

उन्होंने एग्री जंक्शन उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मिलियन फार्मर्स स्कूल कृषि विस्तार के लिए एक अनूठा और अभिनव कार्यक्रम शुरू किया. यह हर साल दो बार आयोजित किया जाता है और हर स्टेज में दस लाख से अधिक किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है. फरवरी 2020 से अगस्त 2022 तक चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में काम किया.

कोरोना महामारी के समय किए ये बड़े काम

देश में महामारी की स्थिति के समय में उन्होंने इसके प्रबंधन के लिए कई उपायों की रणनीति बनाने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई है. आईएस अधिकारी अमित मोहन ने ही तेजी से बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन लगाने के लिए टीकाकरण का क्लस्टर मॉडल विकसित किया. उन्होंने बहुत से व्यवस्थागत सुधार किए, जिनमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए भर्ती नियम बनाना, उनके लिए एक अलग से ट्रेनिंग प्रभाग शुरू करना, 30 साल से अधिक समय के बाद 35 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों की फिर से शुरुआत, एक साल में 5000 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र शुरू करना आदि विषयों पर काम किया.

करियर के अंतिम समय में वो उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई, कपड़ा और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए. अब उन्हें संभल हिंसा मामले में न्यायिक जांच टीम का हिस्सा बनाया गया है.

कौन हैं रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन का जन्म 13 मार्च 1955 को हुआ था. उनके पिता का नाम जे. आर. जैन है. वो इतिहास विषय के अच्छे जानकार हैं. उन्होंने मॉर्डन हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने अपनी पढ़ाई हल्द्वानी और मुरादाबाद से पूरा की. सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उनका सेलेक्शन हुआ.

अरविंद कुमार जैन 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. आईपीएस अरविंद कुमार जैन जनता के बीच लोकप्रिया अधिकारियों में से एक हैं. उनकी पहचान पब्लिक फ्रैंडली अधिकारियों में से एक है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्होंने अपराधिक घटनाओं पर नकेल कसी.

डीजी के पद से रिटायर हुए थे अरविंद कुमार

अरविंद कुमार जैन को 2012 में रेलवे में एडीजी के पद पर काम करने का मौका मिला. 2013 में ही उनका प्रमोशन डीजी के रूप में हुआ. उन्हें कामचोरी करने वाले अधिकारी बिल्कुल भी पसंद नहीं थे. अक्सर बातचीत के दौरान और काम के बीच इसका जिक्र किया करते थे. उनकी प्राथमिकता आम लोगों के लिए काम करने की रही है. अपनी कार्यकुशलता के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. वो डायरेक्टर जनरल के पद से रिटायर हुए. उन्हें संभल हिंसा में न्यायिक जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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फर्जी दस्तावेज बनवाकर अवैध तरीके से भारत में कराता था घुसपैठ, UP ATS ने वाराणसी से किया गिरफ्तार https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/upats-arrested-a-man-from-varanasi-who-used-to-infiltrate-into-india-illegally-by-making-fake-documents/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/30/upats-arrested-a-man-from-varanasi-who-used-to-infiltrate-into-india-illegally-by-making-fake-documents/#respond Sat, 30 Nov 2024 00:26:38 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1716 लखनऊ। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने बांग्लादेशियों को घुसपैठ कराने वाले सिंडीकेट के सक्रिय सदस्य रोहिंग्या मु.अब्दुल्ला उर्फ अब्दुस सलाम मंडल को वाराणसी से गिरफ्तार किया है। वह पहचान बदलकर यहां लंबे समय से रह रहा था।

अब्दुल्ला ने अवैध घुसपैठ कराकर हुई कमाई से बंगाल के पश्चिमी मेदनीपुर अपना मकान भी बनवा लिया है। वह मूल रूप से म्यांमार का रहने वाला है। उसके कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय निर्वाचन कार्ड, यूनएचआरसी का कार्ड, मोबाइल, तीन मेमोरी कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है एटीएस

एटीएस मामले में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है। गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की तलाश भी तेज की गई है। गिरोह अवैध घुसपैठ कराने के साथ ही विदेशी फंडिंग से देश विरोधी गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहा था।

एटीएस ने 11 अक्टूबर, 2023 को बांग्लादेश के मीरपुर निवासी आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिलुर्रहमान के अलावा बंगाल के निवासी नजीबुल शेख व अबु हुरायरा गाजी को गिरफ्तार कर बांग्लादेशी व रोहिंग्या की घुसपैठ कराने वाले गिरोह का राजफाश किया था।

देवबंद से जुड़े गिरोह के तार

गिरोह के तार देवबंद (सहारनपुर) से भी जुड़े थे। नजीबुल व अबु हुरायरा देवबंद में ही शरण लिए हुए थे, जबकि बंगाल से देवबंद आ रहा गिरोह का सक्रिय सदस्य आदिलुर्रहमान को वाराणसी में गिरफ्तार किया गया था।

एटीएस की जांच में गिरोह द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा से बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ कराने तथा उनके जाली भारतीय दस्तावेज तैयार करवाकर शरण दिलवाने की बात सामने आई थी।

रोहिंग्या अब्दुल्ला के बारे में जानकारी मिली

एटीएस थाने में धोखाधड़ी, विदेशी अधिनियम व पासपोर्ट अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पड़ताल की जा रही है। छानबीन में रोहिंग्या अब्दुल्ला के बारे में जानकारी मिली थी।

एटीएस के अनुसार, उसे वाराणसी रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा गया। पूछताछ में अब्दुल्ला ने बताया कि पूर्व में पकड़े जा चुके गिरोह के सदस्य अबु सालेह मंडल व अन्य सदस्यों ने उसका आधार कार्ड व अन्य भारतीय दस्तावेज अब्दुस सलाम मंडल के नाम से बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर के पते पर बनवाए थे।

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ऐसा आदेश देंगे कि सारी जिंदगी याद रहेगा… यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी फटकार क्यों लगा दी, जानिए https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/will-give-such-an-order-that-will-be-remembered-for-the-whole-life-know-why-the-supreme-court-reprimanded-the-up-police/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/will-give-such-an-order-that-will-be-remembered-for-the-whole-life-know-why-the-supreme-court-reprimanded-the-up-police/#respond Fri, 29 Nov 2024 02:07:16 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1702 दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है. आरोपी अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यूपी पुलिस सत्ता का आनंद ले रही है, उसे संवेदनशील बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने यूपी पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे.’

अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई : कई मामलों के एक आरोपी की याचिका को सुनते हुए 28 नवंबर (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट में अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अनुराग दुबे उर्फ डब्बन नाम के आरोपी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज कर लिया था. इस वजह से उस पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी और वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पुराने मामले की जांच में शामिल नहीं हो पा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी याचिका : यूपी के फर्रुखाबाद के रहने वाले डब्बन और उसके भाइयों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं. डब्बन ने मारपीट, धमकी और संपत्ति में अवैध तरीके से घुसने के एक मामले को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने केस रद्द नहीं किया था, लेकिन यह कहा था कि फिलहाल उसकी गिरफ्तारी न हो. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने पर विचार करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि जांच अधिकारी डब्बन को फोन पर जांच के लिए पेश होने का नोटिस भेज सकते हैं. नोटिस मिलने पर वह जांच में सहयोग के लिए पेश हो. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी यह समझ नहीं रहे हैं कि वह एक खतरनाक क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं. याचिकाकर्ता पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक मामले में तो रजिस्ट्री के ज़रिए खरीद के बावजूद जमीन पर कब्जे का केस बना दिया गया है.

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता पर अभी भी गिरफ्तारी का खतरा है, इसलिए वह पेश नहीं हो पा रहा है. दो जजों की बेंच ने गहरी नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील राना मुखर्जी से कहा, ‘आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि अगर याचिकाकर्ता को छुआ गया, तो ऐसा आदेश देंगे कि वह जीवन भर याद रखेंगे. यह नहीं चल सकता कि आप हर बार याचिकाकर्ता पर नया केस फाइल कर दें. हमने उसे अंतरिम राहत देते हुए जांच में सहयोग के लिए कहा है. उसे ऐसा करने दीजिए.’

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भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कांस्टेबल की हत्या की कोशिश, 18 पुलिसकर्मियों पर FIR https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/fir-against-18-policemen-for-attempting-to-murder-a-constable-who-exposed-corruption/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/fir-against-18-policemen-for-attempting-to-murder-a-constable-who-exposed-corruption/#respond Fri, 29 Nov 2024 01:54:18 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1699 यूपी के गाजीपुर में चंदौली जिले के 18 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. सीजेएम कोर्ट के आदेश पर ये एफआईआर दर्ज की गई है. मामला चन्दौली जिले के मुगलसराय थाने की वसूली से जुड़ा है. मुगलसराय थाने में 2021 में तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि मुगलसराय थाने के प्रभारी शिवानंद मिश्रा और एसपी के संरक्षण में जनता से प्रतिमाह 12 लाख 50 हजार की वसूली की जाती थी.

अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर तत्कालीन डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें आरोप सही पाया गया. शिकायत की वजह से तत्कालीन चन्दौली एसपी अमित कुमार द्वितीय और इंस्पेक्टर ने अनिल कुमार सिंह को झूठे मुकदमे में फंसा दिया और मंजू नाथ,अमित जेठवा, सत्येंद्र कुमार दुबे, अनिल सिंह और सतीश सेठी की हत्या का प्रयास किया जाने लगा.

अनिल सिंह का कर लिया गया था अपहरण

जानकारी के बाद अनिल को छोड़कर इन चारों की हत्या कर दी गई है. घटना के बाद अनिल गाजीपुर के नन्दगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा स्थित अपनी ससुराल में रहने लगा. अनिल का आरोप है कि उनके ससुराल से 5 सितंबर 2021 को आरोपी पुलिसकर्मियों ने उनका अपहरण किया और उनकी हत्या करने की कोशिश की. हालांकि इसकी सूचना उनकी बेटी खुशबू ने 100 नंबर पर दे दी थी, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई.

क्यों शिकायत नहीं की गई दर्ज

अनिल सिंह की पुत्री ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ नंदगंज थाने में शिकायत की लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में अनिल सिंह ने सीजेएम कोर्ट गाजीपुर में 156(3) के तहत वाद दाखिल किया और कोर्ट ने सभी 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. मामला पुलिस से जुड़ा था और इसमें कन्स्टेबल से लेकर आईपीएस स्तर के अधिकारी शामिल हैं, जिसकी वजह से पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी.

नंदगंज थाने में एफआईआर कर ली गई दर्ज

अनिल सिंह फिर इसके खिलाफ हाईकोर्ट गये और अवमानना का वाद दायर किया, ऐसे में तीन महीने पहले कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. अनिल सिंह के अधिवक्ता मुन्नू लाल ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि आज हाई कोर्ट में अवमानना की सुनवाई होनी थी जिससे बचने के लिये कल नंदगंज थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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मस्जिद या हरिहर मंदिर? सर्वे रिपोर्ट आज होगी पेश, हाई अलर्ट पर संभल https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/mosque-or-harihar-temple-survey-report-will-be-presented-today-be-on-high-alert/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/mosque-or-harihar-temple-survey-report-will-be-presented-today-be-on-high-alert/#respond Fri, 29 Nov 2024 01:39:35 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1696 संभल में शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने के मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन संभल स्थित चंदौसी की कोर्ट में 29 नवंबर को पहली सुनवाई होनी है। इसी दिन सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल किए जाने की संभावना है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था। न्यायालय ने उसी दिन कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश देते हुए आगामी तिथि 29 नवंबर सुनवाई के लिए नीयत की गई। कोर्ट कमिश्नर उसी शाम शाही जामा मस्जिद में टीम के साथ सर्वे करने के लिए पहुंचे थे। इसके बाद बीते रविवार की सुबह डीएम व एसपी की सुरक्षा में दोबारा सर्वे के लिए पहुंचे तो संभल में बवाल हो गया। जिसमें पांच लोगों की जान चली गई।

शुक्रवार को न्यायालय में सर्वे रिपोर्ट पेश की जा सकती है। शहर में अमन चैन कायम रहे। इसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम पूरे कर लिए हैं। बृहस्पतिवार को न्यायालय की सुरक्षा में लगे प्रभारी वीरपाल सिंह और शहर कोतवाल रेनू सिंह न्यायालय की सुरक्षा इंतजाम में जुटे रहे। सीओ संतोष कुमार ने भी मौका मुआयना किया। साथ ही न्यायालय की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे का ट्रायल भी कराया। अधिवक्ताओं से भी वार्ता कर सहयोग की अपील की। शुक्रवार को सुबह आठ बजे से ही शक्तिनगर, मुंसिफ रोड और न्यायालय से सटे आवास विकास समेत न्यायालय की ओर आने वाले सभी रास्तों को बैरीकेडिंग कर सील कर दिया जाएगा। आम आदमी को इस ओर एंट्री नहीं दी जाएगी। न्यायालय परिसर में भी पंजीकृत अधिवक्ताओं को प्रवेश दिया जाएगा। वादकारियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इतना ही नहीं न्यायालय के आसपास मकानों की छतों पर भी पुलिस तैनात रहेगी।

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में की गई ड्रोन कैमरे से निगरानी

बृहस्पतिवार से ही पुलिस प्रशासन सतर्क नजर आया। सीओ संतोष कुमार और कोतवाल रेनू सिंह ने भारी पुलिस के साथ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र लक्ष्मण गंज, सीकरी गेट, पजाया, जारई गेट, संभल गेट आदि क्षेत्र में ड्रोन कैमरे से निगरानी कराई। तमाम घरों की छतों पर ईंट पत्थर रखे मिले। जिससे पुलिस ने तत्काल गृह स्वामियों ने छतों से ईंट पत्थर हटवाए। साथ ही आगे से छतों पर ईंट पत्थर नहीं रखने की नसीहत दी। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में ई-रिक्शा से अलाउंसमेंट कराया। जिसमें सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। साथ ही बाहरी लोगों को घर में न रुकने की अपील की।

पालिका कर्मचारियों ने न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों से हटाया मलबा

जिला न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों पर अतिक्रमण अभियान के दौरान इकट्ठा हुए मलबे को हटाया गया। बृहस्पतिवार की सुबह से ही पालिका कर्मचारी मलबा उठाने में लगे रहे। दोपहर तक न्यायालय की ओर जाने वाले सभी मार्गों को दुरुस्त कर दिया गया।

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संभल हिंसा में आरोपियों के मोबाइल फोन से पुलिस के हाथ लगा Audio, सुनाई दे रही ये बात https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/this-is-what-audio-can-be-heard-from-the-mobile-phones-of-the-accused-in-the-sambhal-violence-which-was-seized-by-the-police/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/29/this-is-what-audio-can-be-heard-from-the-mobile-phones-of-the-accused-in-the-sambhal-violence-which-was-seized-by-the-police/#respond Fri, 29 Nov 2024 01:27:40 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1693 संभल। जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर को लेकर संभल में भड़की हिंसा के पीछे असली मास्टरमाइंड कौन था? इसकी पुलिस तलाश कर रही है, लेकिन जिस वक्त आगजनी, पथराव और फायरिंग हुई, उस वक्त खतरनाक तैयारी और अफवाहों से उपद्रवियों के मंसूबे कुछ बड़ा करने के थे।

वह पुलिस से आर पार की जंग में एलान कर पुलिस को खदेड़ने की योजना बना चुके थे, लेकिन पुलिस ने परिस्थितियों को भांपते हुए स्थिति को नियंत्रण में किया। यह सब पुलिस की जांच और गिरफ्तार किए गए आरोपियों से की गई पूछताछ में उजागर हो रहा है।

फिलहाल, पुलिस अब तक 700 से अधिक उपद्रवियों को चिह्नित कर चुकी है, जिसमें पुलिस ने करीब 150 लोगों के पोस्टर गुरुवार को तैयार किए हैं, जिन्हें सार्वजनिक किया जा रहा है।

समीर के मोबाइल से मंसूबे भी उजागर

दरअसल, संभल पुलिस हिंसा में आगजनी, पथराव और फायरिंग करने वाले उपद्रवियों में से अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पहले दिन कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद सात अन्य को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

गिरफ्तार उपद्रवियों से पूछताछ में पर्दे के पीछे के मंसूबे भी उजागर हो रहे हैं। इन लोगों से बरामद हुए मोबाइल से कुछ अलग-अलग लोगों से बातचीत के कॉल रिकॉर्डिंग बरामद हुए हैं, जिसमें लोग दूसरे लोगों को घटनास्थल पर सामान सहित पूरी तैयारी के साथ बुलाने की बात कह रहे हैं, जिसमें असलहे को साथ लेकर आने के संकेत किए जा रहे थे।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार समीर के मोबाइल से मिले कॉल रिकॉर्डिंग में समीर दो लोगों से बात करता है।

वारिस- किधर है भाई यह बता…

समीर (कॉलर)- सामान लगा के लईए सामान…

वारिस- है किधर…

समीर- जामा मस्जिद के थोड़ा इधर…

वारिस- किधर…

समीर- जहां जुबैर भाई का घर है।

सुभान नाम के दूसरे व्यक्ति से बात होती है-

समीर- सुभान भाई.. ऐसा है अपने मोहल्ले से जितने को का सकते हो ले आओ, जामा मस्जिद पर… दुबारा मामला बिगड़ गया है..पब्लिक ही पब्लिक है।

अफवाह में मस्जिद को शहीद किए जाने का दावा

रिकॉर्डिंग से स्पष्ट हो रहा है कि ऐसी अफवाहों से आसपास के मोहल्लों के अलावा संभल शहर के नजदीक के गांवों से भीड़ एकत्रित होने लगी थी। जिसमें प्रमुख बात यह है कि अफवाह में मस्जिद को शहीद किए जाने का दावा किया जा रहा था।

बहरहाल, पुलिस ने 37 नामजद के साथ 3750 अज्ञात लोगों के विरुद्ध साथ अलग-अलग फिर दर्ज की और अज्ञात लोगों की तलाश के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसओजी और सर्विलांस को लगाया है। टीम के द्वारा सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है, उनके सामने की तस्वीर को पोस्टर के रूप में बनाते हुए उच्चाधिकारियों को साझा किया जा रहा है।

साथ ही जो लोग हिरासत में लिए गए, उनसे पूछताछ के दौरान भी क्रॉस प्रश्न किए जा रहे हैं। गोपनीय टीम भी ऐसे लोगों की नाम और पहचान का प्रयास कर रही है।

बुधवार को ऐसे उपद्रवियों के पोस्टर पुलिस ने जारी किए जिनकी संख्या तकरीबन 65 बताई गई। दूसरे दिन गुरुवार को भी तकरीबन 150 लोगों के पोस्टर पुलिस के द्वारा तैयार किए गए, जिनकी पहचान करने के लिए उन्हें सार्वजनिक किया जा रहा है।

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परीचौक के पास चलती बस के यात्री को गोली मारी https://pradeshkagaurav.in/2024/11/28/passenger-of-moving-bus-shot-near-parichowk/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/28/passenger-of-moving-bus-shot-near-parichowk/#respond Thu, 28 Nov 2024 11:15:57 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1690 ग्रेटर नोएडा। यूपी के ग्रेटर नोएडा में नालेज पार्क कोतवाली क्षेत्र में जेवर से परीचौक की तरफ आ रही बस में सवार एक युवक को गोली मार दी गई। गोली मारने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया।

उधर, सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को नजदीकी अस्पताल भर्ती कराया। जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपित युवक को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपित ने जमीनी विवाद में युवक को गोली मारी है।

छपरौली गांव के हिम्मत सिंह निर्मल निजी बस से जेवर से परीचौक की तरफ आ रहे थे। जैसे ही बस नालेज पार्क कोतवाली क्षेत्र के फ्लाई ओवर के नीचे पहुंची तो बस में सवार गांव के ही सुंदर सिंह ने हिम्मत सिंह पर जाने से मारने की नियत से तमंचे से गोली चला दी। गोली मारने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को नजदीकी कैलाश अस्पताल भर्ती कराया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। एडीसीपी ग्रेटर नोएडा अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि दोनों आपस में रिश्तेदार है। आरोपित का युवक के साथ जमीनी विवाद चल रहा था।

पुलिस ने आरोपित के कब्जे से एक तमंचा व एक कारतूस बरामद किया है। आरोपित मौजूदा समय में बटजेवरा थाना कंकरखेडा मेरठ में रह रहा था।

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सुबह-सुबह बाथरूम में नहाने गई नई दुल्‍हन, बहुत देर तक नहीं निकली बाहर, तोड़ा दरवाजा तो उड़े सबके होश https://pradeshkagaurav.in/2024/11/28/the-new-bride-went-to-the-bathroom-to-take-a-bath-early-in-the-morning-and-did-not-come-out-for-a-long-time-when-she-broke-the-door-everyone-was-shocked/ https://pradeshkagaurav.in/2024/11/28/the-new-bride-went-to-the-bathroom-to-take-a-bath-early-in-the-morning-and-did-not-come-out-for-a-long-time-when-she-broke-the-door-everyone-was-shocked/#respond Thu, 28 Nov 2024 10:54:28 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=1684 बरेली : बरेली में 5 दिन पहले ब्याह कर ससुराल आई एक नवविवाहिता की बाथरूम के अंदर दर्दनाक मौत हो गई. मौत के पीछे का कारण गीजर से गैस लीकेज बताया जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. मामला वियतनाम के राजनयिक के पर्सनल सेक्रेटरी दीपक के परिवार से जुड़ा है.

मामला बरेली के थाना भोजीपुरा इलाके के पीपलसाना गांव का है. यहां रहने वाले रिटायर्ड फौजी जसवंत सिंह के बेटे दीपक वियतनाम के राजनयिक के पर्सनल सेक्रेटरी हैं. 22 नवंबर को दीपक की शादी बुलंदशहर की रहने वाली दामिनी से हुई. अभी वह ससुराल से वापस मायके भी नहीं जा पाई थी कि हादसा हो गया.

ससुरालियों के अनुसार दामिनी बुधवार की सुबह बाथरूम में नहाने गई थीं. वहां गैस वाला गीजर लगा हुआ है. गैस गीजर का सिलेंडर बाहर रखा हुआ है. दामिनी ने नहाने के लिए गैस गीजर ऑन किया. गैस लीकेज से दम घुटने से उसकी मौत हो गई. काफी देर तक जब दामिनी बाथरूम से बाहर नहीं निकली तो दीपक और उनकी मां ने आवाज दी. आवाज न आने पर दीपक ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो अंदर दामिनी बेहोश पड़ी हुई थी.

उसे फौरन निजी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया. यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. दीपक जल्दी ही पत्नी दामिनी के साथ वियतनाम जाने वाले थे. दामिनी के वीजा सहित तमाम सरकारी कागजात की कार्रवाई पूरी करवा रहे थे. पोस्टमार्टम के बाद दामिनी का गुरुवार को अंतिम संस्कार कराया गया. वहीं इंस्पेक्टर प्रवीन सोलंकी का कहना है कि गीजर के गैस लीकेज से मौत नहीं हुई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. रिपोर्ट आने पर उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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